Thursday, 16 January 2014

MAHARANA PARTAP THE WARRIOR (महाराणा प्रताप)

महाराणा प्रताप

*महाराणा प्रताप अस्त्र-सस्त्र
कि शिक्षा जैमल
मेड़तिया ने दी थी, जो 8000
राजपूतो को लेकर 60000
से लड़े थे। उस ...युद्ध में 48000 मारे गए थे
जिनमे
8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे !युद्ध मे
सारे
राजपूत वीर मारे गये परन्तु हर राजपूत ने मरने
से पहले 5
मुग़लो को मौत के घाट उतारा







*महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोडा समेत
दुश्मन
सैनिको को काट डालते थे!
*महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80
किलो था और
कवच का वजन 80 किलो था और कवच
भाला,कवच,ढाल,और हाथ मे तलवार का वजन
मिलाये
तो 207 किलो ! आज भी महा राणा प्रताप
कि तलवार
कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के
संग्रालय में
सुरक्षित है !
*अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे
सामने
झुकते है तो आदा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे
पर
बादशाहट अकबर कि रहेगी !
*राणाप्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर
भी बना जो आज
हल्दी घटी में सुरक्षित है!
*राणा का घोडा चेतक भी बहुत ताकत वर
था उसके मुह के
आगे हाथी कि सूंड लगाई जाती थी !
राणा का घोडा चेतक
महाराणा को 26 फीट का दरिआ पार करने के
बाद वीर
गति को प्राप्त हुआ।उसकी एक टांग टूटने के
बाद
भीवो दरिआ पर कर गया। जहा वो घायल हुआ
वहा आज
खोड़ी इमली नाम का पेड़ है
जहा मारा वहा मंदिर है। हेतक
और चेतक नाम के दो घोड़े थे !
*मरने से पहले महाराणा ने खोया हुआ 85 %
मेवार फिर
से जीत लिया था !
*सोने चांदी और महलो को छोड़ वो 20 साल
मेवाड़ के
जंगलो में घूमने के बाद भी महाराणा प्रताप
का वजन 110
किलो और लम्बाई 7'5'' थी !
दो मियां वाली तलवार और
80 किलो का भाला रखते थे हाथ में !







*मेवाड़ राजघराने के वारिस को एक शिवलिंग
भी भगवन
का दीवान माता जाता है।
*छात्र पति शिवाजी भी मूल रूप से मेवाड़ से
तलूक रखते
थे वीर शिवा जी के पर दादा उदैपुर
महा राणा के छोटे
भाई थे !
*नेपाल का राज परिवार भी चित्तोर से
निकला है दोनों में
भाई और खून का रिश्ता है !
*मेवाड़ राजघराना आज भी दुनियाका सबसे
प्राचीन
राजघराना है उस के बाद जापान का है !
*जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे भी आ रहे थे
तब उन
होने उनकी माँ से पूछा की हिंदुस्तान से
क्या लेकर आपके
लिए ?
तब माँ का जवाब मिला "उस महान देश
की वीर
भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्टी धूल
जहा का राजा अपने
प्रजा के पति इतना वफ़ा दार था कि उसने आधे
हिंदुस्तान
के बदले आपनी मातृभूमि को चुना " !!
बदकिस्मत से उनका वो दौरा रदद्ध
हो गया था। "बुक
ऑफ़ प्रेसिडेंट यु एस ए ' किताब में ये बात आप
पढ़
सकते है।
!

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